अगर कोई हाउस रेंट अलाउंस (HRA) दावा करता है। या कोई एम्प्लॉयी इस कटौती का लाभ लेना चाहता है, तो बता दें कि, इस कटौती का लाभ आयकर एक्ट, 1961 के सेक्शन 10 (13 A) के अंतर्गत मिलता है। इस कटौती के कारण देयता (लायबिलिटी) कम हो जाती है। इन कटौती का फायदा कम से कम उन लोगों को अवश्य लेना चाहिए, जिनकी टैक्स देयता काफी अधिक है।
अगर आप शहरों में मकान किराए पर लेकर रहते हैं, तो यह कटौती आपके लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसका कारण ये है कि, शहरों में मकान का किराया अधिक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, HRA कटौती दावा करना व्यक्ति के क्रेडिट स्कोर के अनुसार भी बढ़िया है। क्योंकि इसे वित्तीय स्थिरता का संकेत समझा जाता है। HRA कटौती दावा करने में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना आवश्यक होता है। क्योंकि नियमों के अनुसार, कटौती दावा नहीं करने पर आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है।
मिल सकता है नोटिस नहीं तो रखें इन बातों का ख्याल
अनेक बार लोग निर्धारित लिमिट से अधिक HRA कटौती दावा करते हैं। कुछ व्यक्ति HRA कटौती दावा करने में आवश्यक दस्तावेज सब्मिट नहीं करते है। कुछ केस में देखा जाता है कि, किराए के मकान में नहीं रहने के पश्चात भी लोग HRA कटौती क्लेम करते हैं। और जाली दस्तावेज सब्मिट करते हैं। इन परिस्थितियों में आयकर विभाग करदाता को नोटिस जारी कर सकता है। अगर आयकर विभाग यह पाता है कि, इस कटौती का दावा करने के लिए जाली दस्तावेज का उपयोग किया गया है, तो वह जुर्माना लगा सकता है।
एचआरए का दावा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
अगर आपको एचआरए कटौती से सम्बंधित आयकर विभाग का नोटिस मिलता है, तो आपको उसका उचित तरीके से जवाब देना होगा। इसके लिए आपको एचआरए दावा करने की शर्तों की जानकारी होना आवश्यक है। सबसे पहले आप जिस मकान में रहते हैं, उसका रेंट एग्रीमेंट होना आवश्यक है। यह एचआरए कटौती दावा करने के लिए सबसे आवश्यक दस्तावेज है। किराया देने का जरिया भी पारदर्शी होना चाहिए। आप किराया देने के लिए चेक का उपयोग या ऑनलाइन प्रकिया के जरिये कर सकते हैं।
आवश्यक है मकान मालिक के पैन कार्ड की डिटेल
अगर आपके मकान का वार्षिक किराया 1 लाख रूपये से अधिक है, तो आपके लिए अपने मकान मालिक का पैन कार्ड की डिटेल लेना आवश्यक है। यह भी देखना आवश्यक है कि, रेंट रिसीट पर पैन की सही डिटेल दर्ज होनी चाहिए। अगर आपके मकान मालिक के पास पैन नहीं है, तो आपको फ़ार्म 60 के साथ एक डेक्लेरेशन लेना होगा। अगर आप अपने किसी ख़ास संबंधी से रेंट रिसीट लेते हैं, तो यह आवश्यक है कि, दोनों पक्ष अपने इन टैक्स रिटर्न में इसके बारे में सारी जानकारी दर्ज करें। रेंट रिसीट में दी गयी जानकारी आपके आईटीआर से मिलनी चाहिए।