निफ्टी 2 शब्दों के मिश्रण से बना है, यानि “नेशनल स्टॉक एक्सचेंज” एवं “फिफ्टी”। यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी का संक्षिप्त रूप है। यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले 50 इक्विटी शेयरों का एक संग्रह है। जो इंडेक्स में सक्रीय रूप से कारोबार कर रहे होते हैं।
वैसे निफ्टी पर अभी 50 शेयर कारोबार कर रहे हैं। इस वजह से निफ्टी को निफ्टी 50 या सीएनएक्स निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। निफ्टी एक प्रसिद्ध स्टॉक इंडेक्स है। इसे भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने पेश किया। इस इंडेक्स की स्थापना 1992 में हुई थी।
इसने 1994 में कारोबार शुरू किया था। और इण्डिया इंडेक्स सर्विस एंड प्रोडक्टस लिमिटेड (IISL) के पास इसका प्रबंधन एवं स्वामित्व है। आइआइएसएल एक भारतीय विशिष्ट कम्पनी है। जो अपना ध्यान उत्पादन के रूप में एक इंडेक्स पर फोकस करती है। इनमे अनेक प्रकार के वित्तीय उत्पाद हैं। जैसे-ऑप्शंस, इंडेक्स फ्यूचर्स, इंडेक्स फंड, स्टॉक फ्यूचर्स इत्यादि।
क्या होता है इंडेक्स (सूचकांक)
सूचकांक या स्टॉक इंडेक्स शेयर मार्केट में होने वाले बदलाव का माप है। यह बाजार प्रदर्शन एवं मूल्य परिवर्तन को मापता है। एक इंडेक्स बनाने के लिए एक ही तरह की विशेषताओं वाले शेयरों की सूची में से कुछ शेयरों को समुहित करना होगा। शेयरों का यह समूहन, उद्योग के प्रकार, कुल बाजार पूंजीकरण या कंपनी के स्वरुप पर हो सकता है।
स्टॉक मार्केट इंडेक्स के मूल्य की गणना के लिए, स्टॉक के अंतर्निहित समूह के मूल्यों का उपयोग किया जा सकता है। अंतर्निहित स्टॉक के मूल्य में कोई भी बदलाव स्टॉक इंडेक्स मूल्य में भी परिवर्तन की तरफ ले जाता है। यदि ज्यादातर शेयरों की कीमत में बढ़ोत्तरी होती है, तो इंडेक्स फिर से बढ़ेगा एवं इसके विपरीत वो गिरेगा।
इस तरह, एक इंडेक्स बाजार में बदलाव का सूचक है। यह समग्र बाजार निवेश भावना एवं मूल्य के बदलाव को दर्शाता है। पोर्टफोलियो होल्डिंग के मूल्य को मापने के लिए निवेशक एवं वित्तीय प्रबंधक इसका उपयोग करते हैं। वे इसका उपयोग बेंचमार्क इंडेक्स के साथ की तुलना करने के लिए भी कर सकते हैं।
कुछ इंडेक्स के प्रकार
- बाजार पूंजीकरण इंडेक्स जैसे-बीएसई स्माल कैप, बीएसई मिड कैप, निफ्टी कैप, निफ्टी स्माल कैप इत्यादि।
- एनएसई निफ्टी एवं बीएसई सेंसेक्स जैसे-बेचमार्क इंडेक्स।
- सेक्टर इंडेक्स जैसे- निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स, निफ्टी आईटी, निफ्टी बैंक इंडेक्स, निफ्टी आटो इत्यादि।
- एक व्यापक आधारित इंडेक्स जैसे -निफ्टी -50, बीएसई 100, निफ्टी नेक्स्ट 50 आदि।
Sectors
Nifty 50 में निम्न सेक्टर की कंपनियों को शामिल लिया गया है।
- Automotive
- Engineering
- Metals & Mining
- Banking/Finance
- Food & Beverage
- Oil & Gas
- Cement/Construction
- Technology
- Pharmaceuticals
- Chemicals
- Manufacturing
- Retail/Real Estate
- Consumer durables & non-durables
- Media
- Telecom
निफ्टी का हिस्सा कौन सी कंपनियां हैं
निफ्टी इंडेक्स में शमिल कम्पनिये को हर 6 महीने में जांच की जाती है। स्टॉक एक्सचेंज शेयरों के 6 महीने के प्रदर्शन की जाँच करता है। यह ये भी देखता है कि, कंपनियां पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं या नहीं। इन मानदंडों का पालन करते हुए यह क्रमशः स्टॉक सूची में स्टॉक को हटा देता है, या जोड़ता है। किसी भी निष्कासन या जोड़ने के सम्बन्ध में सम्बंधित कंपनियों को 4 हफ्ते पूर्व नोटिस दिया जाता है।
NSE में पेशेवरों की टीम है जो Nifty 50 को देख रेख करती है। यह एक सलाहकार समिति है। जो इक्विटी इंडेक्स से सम्बंधित मुद्दों पर विशेषज्ञता एवं मार्गदर्शन प्रदान करती है।
Nifty 50 में लिस्टिंग के लिए कंपनियों के लिए पात्रता
- कम्पनी के पास फ्री-फ्लोरिंग औसत बाजार पूंजीकरण होना चाहिए। यह इंडेक्स पर सबसे छोटी कम्पनी से 1.5 गुना ज्यादा होना चाहिए।
- कंपनियों को National Stock Exchange में रजिस्टर्ड होना चाहिए। यह एक भारतीय कम्पनी होनी चाहिए।
- जिन कंपनियों के पास डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स ( डीवीआर ) है। उनके शेयर भी निफ्टी निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए पात्र हो सकते हैं।
- कम्पनी का स्टॉक काफी तरल होना चाहिए। औसत प्रभाव लागत से तरलता को मापा जा सकता है। प्रभार लागत कम्पनी के बाजार पूंजीकरण के इंडेक्स भर के सम्बन्ध में एकल सुरक्षा का व्यापारिक मूल्य है। 6 महीने के लिए कम्पनी की प्रभाव लगत 0.50 % से कम या उसके बराबर होनी चाहिए। अन्यथा 10 करोड़ के पोर्टफोलियो पर की गयी 90% टिप्पणियों के साथ यह कम होना चाहिए।
- कम्पनी की ट्रेडिंग फ्रीक्वेंसी पिछले 6 महीने के लिए 100% होनी चाहिए।
भारतीय प्रतिभूति(NSE) और विनिमय बोर्ड (सेबी ) द्वारा कंपनियों को दिये गये विशिष्ट आदेशों का भी पालन करना पड़ेगा। अन्यथा कंपनियों को इंडेक्स से हटाया जा सकता है।
निफ्टी 50 कंपनियों की लिस्ट
Sr. No | Company Name (Stock Symbol) | Sector | Weightage |
1 | Reliance Industries (RELIANCE) | 10.28% | Oil & Gas |
2 | HDFC Bank (HDFCBANK) | 8.73% | Financial Services |
3 | ICICI Bank (ICICIBANK) | 8.73% | Financial Services |
4 | Housing Development Finance Corporation (HDFC) | 5.88% | Financial Services |
5 | Infosys (INFY) | 5.79% | Financial Services |
6 | Tata Consultancy Services (TCS) | 4.15% | Information Technology |
7 | ITC (ITC) | 4.83% | FMCG |
8 | Kotak Mahindra Bank (KOTAKBANK) | 3.64% | Financial Services |
9 | Axis Bank (AXISBANK) | 3.08% | Financial Services |
10 | Larsen & Toubro (LT) | 3.28% | Construction |
11 | State Bank of India (SBIN) | 2.74% | Financial Services |
12 | Hindustan Unilever (HINDUNILVR) | 2.93% | FMCG |
13 | Bharti Airtel (BHARTIARTL) | 2.56 | Telecommunication |
14 | Bajaj Finance (BAJFINANCE) | 2.29% | Financial Services |
15 | Asian Paints (ASIANPAINT) | 1.77% | Consumer Durables |
16 | Mahindra & Mahindra (M&M) | 1.45% | Automobile |
17 | Maruti Suzuki India (MARUTI) | 1.53% | Automobile |
18 | HCL Technologies (HCLTECH) | 1.49% | Information Technology |
19 | Sun Pharma (SUNPHARMA) | 1.3% | Healthcare |
20 | Titan Company (TITAN) | 1.45% | Consumer Durables |
21 | Adani Enterprises (ADANIENT) | 0.84% | Metals & Mining |
22 | Tata Steel (TATASTEEL) | 1.05% | Consumer Durables |
23 | Bajaj Finserv (BAJAJFINSV) | 0.97% | Financial Services |
24 | UltraTech Cement (ULTRACEMCO) | 1.12% | Construction Materials |
25 | NTPC (NTPC) | 1.02% | Power |
26 | IndusInd Bank (INDUSINDBK) | 1.03% | Financial Services |
27 | Power Grid Corporation (POWERGRID) | 0.98% | Power |
28 | JSW Steel (JSWSTEEL) | 0.81% | Metals & Mining |
29 | Tata Motors (TATAMOTORS) | 1.14% | Automobile |
30 | Nestle India (NESTLEIND) | 0.95% | FMCG |
31 | Hindalco Industries (HINDALCO) | 0.73% | Metals & Mining |
32 | Grasim Industries (GRASIM) | 0.78% | Construction Materials |
33 | Tech Mahindra (TECHM) | 0.86% | Information Technology |
34 | Adani Ports and SEZ (ADANIPORTS) | 0.69% | Services |
35 | Cipla (CIPLA) | 0.62% | Healthcare |
36 | Wipro (WIPRO) | 0.74% | Information Technology |
37 | Oil & Natural Gas Corp. (ONGC) | 0.74% | Oil & Gas |
38 | HDFC Life Insurance Co. (HDFCLIFE) | 0.72% | Financial Services |
39 | SBI Life Insurance Co. (SBILIFE) | 0.68% | Financial Services |
40 | Dr. Reddy’s Laboratories (DRREDDY) | 0.67% | Healthcare |
41 | Britannia Industries (BRITANNIA) | 0.68% | FMCG |
42 | Coal India (COALINDIA) | 0.62% | Oil & Gas |
43 | Tata Consumer Products (TATACONSUM) | 0.58% | FMCG |
44 | Apollo Hospitals Enterprise (APOLLOHOSP) | 0.57% | Healthcare |
45 | Eicher Motors (EICHERMOT) | 0.62% | Automobile |
46 | Divi’s Laboratories (DIVISLAB) | 0.54% | Healthcare |
47 | Bajaj Auto (BAJAJ-AUTO) | 0.64% | Automobile |
48 | UPL (UPL) | 0.44% | Chemicals |
49 | Hero MotoCorp (HEROMOTOCO) | 0.44% | Automobile |
50 | Bharat Petroleum Corp. (BPCL) | 0.43% | Oil & Gas |
कैसे की जाती है निफ्टी की गणना
निफ्टी 50 इंडेक्स की गणना फ्लोट-समायोजित एवं बाजार पूंजीकरण पद्धति का उपयोग करती है। यहां लेबल इंडेक्स एक विशिष्ट अवधि के लिए इसमें उपस्थित शेयरों के कुल बाजार मूल्य को दर्शाता है। निफ्टी सूचकांक के लिए यह विशेष आधार अवधि 3 नवंबर 1995 है। शेयरों का मूल्य 1 हजार है। एवं आधार पुंजी 2.06 ट्रिलियन रूपये है।
इंडेक्स मूल्य की गणना करने का सूत्र
Market capitalization = Price * Equity Capital
Free Float Market Capitalization = Price * Equity Capital * Investable Weight Factor
Index value = Current market value / (1000 * Base market capital)
निवेश योग्य भार कारक या आईडब्लूएफ ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध शेयरों की संख्या निर्धारित करने का एक कारक है। चूँकि स्टॉक का मूल्य रोजाना परिवर्तित होता है। इसलिए इंडेक्स की गणना वास्तविक समय के आधार पर होती है।
सूत्र न केवल मूल्य की गणना करता है, बल्कि कारपोरेट प्रक्रियाओं में बदलाव की भी गणना करता है। उदाहरण के लिए, कार्पोरेट में परिवर्तन स्टॉक विभाजन, राइट्स इश्यू और अनेक अन्य हो सकते हैं। निफ्टी शेयर बाजार भारत के समस्त इक्विटी शेयर बाजारों के मुकाबले माप के लिए एक बेचमार्क है।
यह सुचारु रूप से इंडेक्स रख रखाव जाँच आयोजित करता है। इसलिए, यह सुनिश्चित करता है कि, यह स्थिर है। एवं प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। यह भारतीय शेयर मार्केट के बेंचमार्क इंडेक्स के रूप में बना रह सकता है।
निफ्टी, सेंसेक्स से अलग कैसे है
सेंसेक्स एवं निफ्टी दोनों भारतीय शेयर बाजार इंडेक्स हैं। जो प्रतिभूति बाजार की ताकत को बताते हैं। सेंसेक्स एवं निफ्टी के व्यापक-आधारित इंडेक्स के समान होने के पश्चात भी, दोनों के बीच अंतर है। दोनों के बीच अंतर इस प्रकार है।
उत्पत्ति
- निफ्टी की उत्पत्ति नेशनल 50 शब्द से हुई है। इसे S&P CNX निफ्टी के नाम सभी जाना जाता है।
- सेंसेक्स की उत्पत्ति सेंसिटिव इंडेक्स शब्द से हुई है। इसे S&P CNX निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है।
शुरुआत की तिथि
- एनएसई निफ्टी का निगमन वर्ष 1992 है। वैसे इसका परिचालन नवम्बर 1994 में हुआ था।
- बीएसई सेंसेक्स का निगमन वर्ष 1986 है।
संचालनकर्ता कम्पनी
- इंडेक्स एन्ड सर्विसेज एन्ड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (आईआईएसएल), एनएसई इंडिया की सहायक कम्पनी निफ्टी का मालिक है, और यही इसका संचालन करती है।
- सेंसेक्स का मालिक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई ) है। बीएई भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग प्लेटफार्म भी है।
स्थान
- निफ्टी का कारपोरेट आफिस, एक्सचेंज प्लाजा, बांद्रा, कुर्ला काम्प्लेक्स, मुंबई है। यह एनएसई पर आधारित है।
- सेंसेक्स का कारपोरेट कार्यालय, दलाल स्ट्रीट, मुंबई में है। और यह बीएसई पर आधारित है।
बेस वैल्यू
- निफ्टी का आधार मूल्य 1हजार है।
- सेंसेक्स का बेस वैल्यू 1सौ है।
वास्तविक पूंजी
- निफ्टी की वास्तविक पूंजी 2.06 ट्रिलियन डालर है।
- सेंसेक्स की कोई वास्तविक पूंजी नहीं होती है।
स्थापना अवधि
- निफ्टी की स्थापना अवधि 3 नवम्बर 1992 है।
- सेंसेक्स की स्थापना अवधि 1978-1979 है।
इक्विटी शेयर कंपनियों की संख्या
- निफ्टी में एनएसई पर कारोबार करने वाली शीर्ष 50 कंपनियां शामिल हैं।
- सेंसेक्स में बीएसई पर कारोबार करने वाली शीर्ष 30 कंपनियां शामिल हैं।
क्षेत्रों की संख्या
- निफ्टी एक व्यापक बाजार इंडेक्स है। जो 24 क्षेत्रों की कंपनियों को कवर करता है।
- सेंसेक्स 13 क्षेत्रों की कंपनियों को कवर करता है।
सूचीबद्ध कंपनियां
- निफ्टी में 16 सौ कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
- सेंसेक्स में 5 हजार कंपनियां सूचीबद्ध हैं।
इस तरह निफ्टी एवं सेंसेक्स में कोई विशेष अंतर नहीं है। ये दोनों बड़े कैप शेयरों को टारगेट करते हैं। निफ्टी, सेंसेक्स से अधिक व्यापक है। क्योंकि इसमें ज्यादा संख्या में लार्ज कैप स्टॉक सूचीबद्ध है। एवं निफ्टी के पास सेंसेक्स की तुलना में ज्यादा विविध पोर्टफोलियो है। कोई एनएसई इंडिया प्लेटफार्म पर अधिक ट्रेडिंग होते हुए भी देख सकता है।
निफ्टी 50 इंडेक्स में निवेश के लाभ
निफ्टी 50 शेयरों को खरीदने एवं निफ्टी 50 में निवेश करने के अनेक तरीके हैं। उनमें से कुछ इंडेक्स फंड, निफ्टी फ्यूचर्स एवं ऑप्शंस एवं ईटीएफ है। कोई सीधे तौर पर इंडेक्स में निवेश नहीं कर सकता, इसके बजाय, उन्हें सभी निफ्टी 50 शेयर उसी अनुपात से खरीदने पड़ेंगे। या इंडेक्स फंड एवं ईटीएफ में निवेश करना होगा। निफ्टी आधारित इंडेक्स फंड एवं ईटीएफ में निवेश के लाभ इस प्रकार हैं।
व्यय अनुपात कम
दूसरी तरह के म्यूचूअल फंड की तुलना में इंडेक्स फंड का व्यय अनुपात कम होता है।
लम्बी अवधि के अधिक रिटर्न
वर्ष 1996 में निफ्टी 50 को 1 हजार बेस वैल्यू के साथ लांच किया गया था। यह वर्ष 2021 में 15 हजार अंक तक पहुँच गया था। इसलिए इंडेक्स-आधारित फंड से निवेश करने से लम्बी अवधि में अधिक रिटर्न मिलेगा।
मार्केट रिटर्न
इंडेक्स फंड मार्केट रिटर्न प्रदान करते हैं। क्योंकि वे इंडेक्स की प्रतिकृति हैं। उनका प्रर्दशन सीधे तौर पर इंडेक्स की गति पर निर्भर है। इसलिए निवेश को ट्रैक करना सरल है।
फंड मैनेजर पूर्वाग्रह से मुक्त
इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो सीधे इंडेक्स पर निर्भर करता है। एवं फंड मैनेजर का इस पर नियंत्रण नहीं होता है। इसलिए यह फंड मैनेजर पूर्वाग्रह से मुक्त है।
निफ्टी की प्रमुख उपलब्धियां
निफ्टी 50 की प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं।
- 1993– एनएसई को स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गयी।
- 1996– निफ्टी 50 इंडेक्स को 1 हजार बेस वैल्यू के साथ लांच किया गया था। यह एनएसई का प्रमुख है।
- 2000- निफ्टी, आईटी-बूम की वजह से 18 सौ तक पहुँच गया।
- 2006- निफ्टी, सेवा क्षेत्र में उछाल के कारण 3 हजार तक पहुँच गया।
- 2007- निफ्टी बढ़कर 5 हजार तक पहुँच गया।
- 2014- केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बाद निफ्टी 7 हजार तक पहुँच गया।
- 2017- एफआईआई की मजबूत भागीदारी की वजह से निफ्टी 9 हजार तक पहुँच गया।
- 2017- अच्छे मानसून, जीएसटी लागु होने एवं मजबूत कार्पोरेट आय ने निफ्टी को 10 हजार तक पंहुचा दिया।
- 2018 – कच्चे तेल में गिरावट एवं अर्थव्यवस्था पर विश्व बैंक के सकारात्मक अपडेट की वजह से निफ्टी ने 11 हजार तक बढ़ गया।
- 2023- Nifty 50 लाइफ टाइम हाई तो टच करते हुवे 19400 को पार किया।