नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को कुछ लोग न्यू पेंशन सिस्टम भी कहते हैं। इस योजना के पेंशन फंड एवं रेगुलेट करने की जिम्मेदारी पेंशन फंड रेगुलेटरी एन्ड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) पर है। इस सरकारी निवेश योजना की शुरुआत वर्ष 2004 में की गयी थी। पहले इस योजना को सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था। परन्तु फिर वर्ष 2009 में समस्त वर्ग के लोगों के लिए इसको लागू किया गया। इस योजना का लाभ सरकारी एवं निजी दोनों सेक्टर के कर्मचारी ले सकते हैं।
नेशनल पेमेंट सिस्टम 60 वर्ष की आयु पूरी कर लेने के पश्चात पेंशन उपलब्ध कराने के अलावां टैक्स की भी बचत कराती है। बता दें कि, टैक्स की बचत के अंतिम ऑप्शनों में ये भी एक लोकप्रिय ऑप्शन है। NPS के बारे में अन्य जानकारियां इस प्रकार हैं।
2 प्रकार के खाते
NPS के तहत 2 प्रकार के खाते Tier-1 एवं Tier-2 होते हैं। NPS के अंतर्गत Tier-1 एक सेवानिवृत खाता होता है। कर्मचारी के लिए Tier-1 खाता नियोक्ता की तरफ से खुलवाया जाता है। जबकि Tier-2 एक वालंटरी खाता है। Tier-2 अकाउंट को निवेश खाता भी कहा जाता है। इसमें कोई भी वेतन पाने वाला कर्मचारी अपनी और से निवेश करना आरम्भ कर सकता है।
अकाउंट खुलेगा कितने में
Tier-1 NPS अकाउंट को न्यूनतम 5 सौ रूपये एवं Tier-2 अकाउंट को न्यूनतम 1 हजार रूपये में ओपन करवा सकते हैं। कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
कौन कर सकता है निवेश
कोई भी भारतीय नागरिक NPS में निवेश कर सकता है। यहां तक की यह NRI के लिए भी खुला है। परन्तु अगर व्यक्ति की नागरिकता चेंज हो जाती है, तो उसका खाता बंद हो जाएगा।
कितनी आयु के लोग कर सकते हैं निवेश
NPS में 18 वर्ष की आयु से लेकर 65 वर्ष की आयु तक या सेवानिवृत होने तक निवेश कर सकते हैं। खाते को 70 साल की आयु तक संचालित किया जा सकता है।
सेवानिवृत या योजना मैच्योरिटी के बाद
NPS के अंतर्गत सेवानिवृत के पश्चात या परिपक्वता परिपवक्ता (मैच्योरिटी) के समय या 60 वर्ष की आयु होने पर, कर्मचारी को कुल कार्पस के न्यूनतम 40% से एन्युइटी प्लान लेना होता है। यही निरंतर कमाई का माध्यम बनता है। एन्युइटी कमाई पेंशन कहलाती है। शेष 60% फंड एक साथ निकाला जा सकता है।
निवेश का विवरण
ऐसे समस्त कर्मचारियोंको, जिन्होंने 1 जनवरी 2004 को अथवा उसके पश्चात नौकरी ज्वाइन की है। उन्हें बेसिक वेतन +DA का 10% NPS में योगदान करना होता है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के बारे में इतना ही अंशदान राज्य सरकार करती है। जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 14% का अंशदान किया जाता है।
अब प्राइवेट क्षेत्र के बारे में जानें कि, प्राइवेट क्षेत्र में कर्मचारियों की तरफ से NPS में अंशदान 50 हजार रूपये है। जबकि नियोक्ता की तरफ से कर्मचारी की बेसिक वेतन +DA का 10 % का योगदान किया जाता है। ध्यान रहे कि, Tier-1 NPS अकाउंट में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1 हजार रूपये का अंशदान आवश्यक है।
और Tier-2 अकाउंट/वालंटरी खाते की बात करें तो, इसमें कर्मचारियों की तरफ से वार्षिक आय का 20% से ज्यादा अंशदान नहीं होना चाहिए। Tier-2 खाते के लिए कोई न्यूनतम अंशदान सीमा नहीं है।
कैसे खुलवाएं खाता
Tier-1 NPS खाता नियोक्ता के जरिये खुलता है। जबकि Tier-2 अर्थात वालंटरी खाता ब्रोकरेज हाउसेज, वित्तीय संस्थानों, e-NPS वेबसाइट या फिर बैंकों के जरिये से खुल जाता है। NPS के केश में ब्रोकरेज हाउस, वित्तीय संस्थाओं एवं बैंकों को पाइंट आफ प्रेसेंस (POP) भी कहा जाता है। व्यक्ति को अकाउंट खुलवाने के लिए अपना पैन कार्ड नंबर एवं अन्य KYC दस्तावेज/विवरण की आवश्यकता होती है। पंजीकरण होने करे पश्चात व्यक्ति को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर( PRPAN )मिलता है। ऑनलाइन अकाउंट खुलवाने के लिए आधार नंबर को मोबाइल से लिंक होना आवश्यक है।
टैक्स में फायदा
NPS में निवेश करने पर टैक्स कटौती को पुरानी आयकर अधिनियम के अंतर्गत लिया जा सकता है। जिसकी सीमा 1.50 लाख रूपये तक वार्षिक है। NPS में इनकम टैक्स की धारा 80CCD1 के अंतर्गत 1.50 लाख रूपये तक की कटौती के अतिरिक्त 50 हजार हजार रूपये तक की अतिरिक्त कटौती, धारा 80CCD (1B)के अंतर्गत भी मिलती है। परिपक्वता राशि में से जो 60% तक का फंड एक साथ मिलता है, वह कर मुक्त है।
परन्तु मंथली एन्युइटी कमाई टैक्ससेबल है। यह स्किम एक्युमुलेशन के समय एवं साथ ही परिपक्वता के दौरान अनेक आयकर लाभ प्रदान करती है। ये कटौती इनकम टैक्स के कानूनों के अंतर्गत निर्दिष्ट 3 अलग-अलग सेक्शंस के जरिये से क्लेम किये जाते हैं। ये सेक्शंस इस प्रकार है।
- धारा 80CC D (1)- ( सेक्शन 80C के ओवरआल अंब्रैला के अंतर्गत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक की कटौती)
- धारा 80 CCD (1b )- ( 50 हजार रूपये की अतिरिक्त कटौती )
- धारा 80CCD (2 )- (NPS खाते में नियोक्ता का कांट्रीब्यूट )
वेतनभोगी कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी नई इनकमटैक्स व्यवस्था के अंतर्गत, अपने NPS अकाउंट में नियोक्ता की तरफ से किये जाने वाले अंशदान पर धारा 80 CCD (2)के अंतर्गत कटौती का दावा कर सकता है।
रिटर्न कितना मिलेगा
चूँकि, यह मार्केट बेस्ड है, इसलिए NPA का रिटर्न आधारित नहीं है। वैसे वित्तीय वषों में योजना के अंतर्गत Tier-1 इक्विटी एसेट क्लास में 9-12 का रिटर्न मिला है।
प्रीमैच्योरली निकासी की सुविधा है क्या
NPS अकाउंट में 3 वर्ष पूर्ण होने से पूर्व पैसे की निकासी नहीं की जा सकती है। इसके पश्चात Tier-1 खाते से विशेष परिस्थितियों में पैसे की निकासी परिपक्वता (मैच्योरिटी) से पहले की जा सकती है। या फिर एग्जिट किया जा सकता है।
अगर Tier-1 खाते में कुल कार्पस 2 लाख से कम हैं, तो सब्सक्राइबर 60 वर्षों की उम्र पूरी करने पर 100% फंड एक साथ निकाल सकता है। जबकि Tier-2 खाते से पैसे की निकासी कभी भी की जा सकती है। सब्सक्राइबर NPS अकाउंट से अधिकतम 3 बार आंशिक निकासी कर सकता है।