Income Tax Saving: इनकम टैक्स स्लैब 2023 में कैसे बचा सकेंगे टैक्स

बीते बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आम बजट 2023 पेश किया है। उन्होंने इसमें आयकर व्यवस्था में परिवर्तन किये हैं। बजट 2023 में इनकम टैक्स एक्ट 1961 के प्रावधानों में कुछ मुख्य परिवर्तन किये हैं। मुख्य रूप से यह परिवर्तन मध्यम वर्ग एवं वेतन भोगी से सम्बंधित है। टैक्स व्यवस्था में हुए परिवर्तन को 11 बिंदुओं में समझें, जो इस प्रकार है।

पुरानी टैक्स व्यवस्था

वित्तीय बजट 2023 के अंतर्गत पुरानी टैक्स व्यवस्था में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

नई टैक्स व्यवस्था

नई टैक्स व्यवस्था बजट 2023 की घोषणा के अनुसार डिफ़ॉल्ट होंगी। वैसे करदाता पुरानी आयकर व्यवस्था का भी चयन कर सकते हैं।

नई टैक्स व्यवस्था का महत्व

नई कर व्यवस्था इससे पूर्व “सेवाओं एवं इंडिविजुअल्स” पर लागू थी। लेकिन अब एचयूएफ, एओपी, बीओआई, इंडिविजुअल तक इसका फायदा बढ़ा दिया है।

टैक्स स्लैब राशि

नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत टैक्स स्लैब में परिवर्तन किया गया है। इससे पूर्व आयकर अधिनियम के अंतर्गत यह वर्ष 2020 में टैक्स स्लैब पेश की गयी थी।

नई टैक्स व्यवस्था रिवाइज नई टैक्स व्यवस्था
राशि (रूपये में) टेक्स रेट राशि (रूपये में) टैक्स रेट
0.2.5 लाख निल 0.3 लाख निल
2 .5 लाख -5 लाख 5% 0 .3 लाख-6 लाख 5%
5 लाख-7.5 लाख 10% 6 लाख-9 लाख 10%
7.5 लाख-10 लाख 15% 9 लाख-12 लाख 15%
10 लाख-12.5 लाख 20% 12 लाख-15 लाख 20%
12.5 लाख-15 लाख 25% 15 लाख से अधिक 30%
15 लाख से अधिक 30%
इससे पूर्व जिसकी वार्षिक आय 15 लाख रूपये थी, उसे 1,87,500/- रूपये टैक्स देना पड़ता था। परन्तु अब टैक्स राशि कम करके 1,50000/-हो गयी है। अर्थात अब करदाता को 37,500/- रूपये का लाभ मिल सकता है।

टैक्स न देने योग्य अधिकतम राशि

नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार, इससे पूर्व 5 लाख रूपये तक की वार्षिक आय पर कुछ भी टैक्स नहीं देना पड़ता था। परन्तु अब वित्त मंत्री ने यह सीमा बढ़ाकर 7,50,000/-रूपये कर दी है। इसमें नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत 50 हजार रूपये स्टैण्डर्ड कटौती शामिल है।

वेतन पर स्टैण्डर्ड कटौती

वेतन भोगी कर्मचारी अपनी कमाई से स्टैण्डर्ड कटौती के लिए पात्र हैं। नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत यह 50 हजार रूपये होगी। पहले यह शून्य थी।

अग्निवीर कॉपर्स फंड

अग्निवीर कापर्स फंड से प्राप्त पेमेंट पर छूट प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्त सरकार “अग्निवीर कॉपर्स फंड” पर अग्निवीरों एवं केंद्र सरकार द्वारा किये गये योगदान की राशि पर टैक्स कटौती देने का भी प्रस्ताव दिया है।

लांग टर्म कैपिटल गेन (LTCG)

10 करोड़ रूपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स छूट को समाप्त कर दिया गया है। अब टैक्सपेयर्स 10 करोड़ रूपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेन पर 20% की दर से देना पडेगा।

अनुमानित टैक्सेशन

  • अब बिजनेस करने वाले एवं 75 लाख रूपये की ग्रास रसीद या टर्न-ओवर वाले व्यक्ति इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 44 ADAके अंतर्गत अनुमानित टैक्सेशन के ऑप्शन का चयन करने के हकदार हैं। एवं ग्रास रसीद या टर्न-ओवर के 50% से आय की घोषणा कर उस दर से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। पहले यह लिमिट 50 लाख रूपये थी।
  • अब बिजनेस करने वाले एवं 3 करोड़ तक की रसीद, टर्न ओवर वाले व्यक्ति इनकम टैक्स की धारा 44AD के अंतर्गत अनुमानित टैक्सेशन के ऑप्शन का चयन एवं कैश के मामले में 8% की दर से कमाई घोषित करने के हकदार हैं। लेन-देन के मामले में या ग्रास टर्न-ओवर के नान कैश लेन-देन के मामले में 6% की दर से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। पहले यह लिमिट 2 करोड़ रूपये थी।

उक्त दोनों मामले में ये ख्याल रखना होगा कि, ग्रास रसीद या नकद कारोबार वित्त वर्ष की कुल राशि के 5% ज्यादा नही होना चाहिए।

बचत योजनाओं की घोषणाएं

बचत योजनाओं या मौजूदा योजनाओं में वित्त मंत्री ने बदलाव का जो प्रस्ताव दिया है, वो इस प्रकार है।

महिला सम्मान बचत प्रमाण पत्र

महिलाओं हेतु एक मुश्त नई बचत योजना 2 वर्ष के लिए मार्च 2025 तक उपलब्ध कराई जाएगी। यह 7.5% वार्षिक की ब्याज दर पर पर 2 वर्ष की अवधि हेतु 2 लाख रूपये तक जमा करने की सुविधा प्रदान करेगी। इसमें आंशिक निकासी का ऑप्शन भी होगा।

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

अधिकतम डिपाजिट लिमिट को 15 लाख रूपये से बढाकर 30 लाख रूपये किया जाएगा।

संयुक्त खाता धारकों हेतु पोस्ट आफिस मंथली इनकम योजना की सीमा 2 गुना होकर 9 लाख रूपये से 15 लाख रूपये हो गयी है।

अन्य प्रस्तावित परिवर्तन

अन्य प्रस्तावित परिवर्तन इस प्रकार है।

  • वित्त मंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत उच्चस्तर सरकार राशि को 37% से कमकर 25% करने का प्रस्ताव पेश किया है।
  • गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय प्राप्त अवकाश नकदीकरण पर छूट की लिमिट को 3 लाख रूपये से बढ़ाकर 25 लाख रूपये कर दिया है।
  • जीवन बीमा पॉलिसी से मिली इनकम पर सरकार ने टैक्स छूट को समाप्त कर दिया है। अगर सालाना क़िस्त 5 लाख रुपए से ज्यादा है तो।
  • नान पैन मामलों में ईपीएफ के टैक्सेबल हिस्से की निकासी पर टीडीएस की दर को 30% से घटाकर 20% कर दिया है।
  • पारिवारिक पेंशन के मामले में अब नई टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत 15 हजार रूपये या पेंशन का 1/3 जो भी कम हो की कटौती उपलब्ध है।

Leave a comment